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Showing posts from 2011
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युनूस खान 22, 2011 घुंघरू टूट गए: साब्ररी ब्रदर्स के मक़बूल अहमद साबरी की याद में एक बुरी ख़बर आई है। जाने-माने क़व्वाल मक़बूल अहमद साबरी का बुधवार 21 सितंबर को साउथ अफ्रीक़ा में इंतकाल हो गया है। अफ़सोस की बात ये है कि वो बहुत जल्दी चले गए। महज़ 66 की उम्र में। मेरे बचपन की कई यादें मक़बूल अहमद साबरी से जुड़ी हुई हैं। जिस पृष्ठभूमि और बुंदेलखंड के जिस इलाक़े से मैं आता हूं--वहां के गांवों में...मेरे अपने पैतृक गांव में पिछली कुछ पीढियां 'साबरी ब्रदर्स' की क़व्वालियां सुनते सुनते बड़ी हुई हैं। क़व्वालियों से मेरा निजी तौर पर इतना गहरा नाता नहीं रहा है। पर फिर भी ये मेरे बचपन का एक अहम हिस्सा थीं। आप समझ सकते हैं कि वो फिलिप्स के ''लेटे हुए रिकॉर्डर'' का ज़माना था। बाद में टू-इन-वन का आगमन भी हुआ। और तब जब भी हिंडोरिया गांव जाना होता--तो वहां घरों में साबरी ब्रदर्स बजते। सुबह-सुबह भी बजते। दोपहर को भी और रात को भी। लोग 'दमोह', 'छतरपुर' और 'जबलपुर' जैसे शहरों में जाकर ये कैसेट जमा करते। उनकी कॉपीज़ करवाते। उन दिनों य...
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privar
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परिवार वो नईया लगाए जो हर मजधार से पार, रिश्तो के च्प्पु से बदल दे जो हर मुशिक्ल धार। सॅस्कारों की पतवार सहना सिखाए जो दुख कि बौछार, घ्रर मे इकदूजे के लिए प्यार जो बनाए सफर को मजेदार, पर अब ये "एकल" शब्द करे इस नयिया को तार-तार, आओ दोस्तो उठो,जागो बचालो इस नईया को फिर इक बार, वरना हो जाऐगें हम हमेशा के लिए इससे बेजार। आबिद गोरखपुरी
"WHEN YOU WANT SOMETHING,ALL UNIVERSE CONSPIRES TO HELP YOU ACHIEVE IT
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bachpan
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kub hai bachpan ki anokhi chanchalta dukho presanio ka jor ispr nhi h chalta, ye vaqt jyo-jyo umr ke pdao se h niklta, aadmi reh jata hi bebas sirf hath malta. vo chand mai priyon ka mahal tha hota, dadi nani ki khaniyo me ik rakshas hota kha hai vo rate kha aaj koi khani kahta aadmi reh jata hi bebas sirf hath malta. asman me vo hwaijhaz jo lite timtimata rato me hme koi na koi tha tare ginvata gya vo vaqt jb pura privar tha sath hota aadmi reh jata hi bebas sirf hath malta. kyo nhi phir sapno ka vhi jhan hai milta kyo nhi phir apno ka vhi pyar hai dikta yad aata hai jb bhi vo gujra hua jmana aadmi reh jata hi bebas sirf hath malta. ABID GORHPURI
khyal...................
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soch rhe the tnha bete kyo ...... hwa chalti hai to man khus hota hai usi hwa ke chalne se gbra bhi jata hai....... bhate pani se khelne ko man krta hai... yhi pani koi hme ik din dra jata hai.. ik saks jo hme jan se pyara lgta hai.... vhi sks kese ik din dusmn ban jata hai.... jwab dunda to ye hme mila ,... hwa ka mdhm clna mosam suhna lata hai hwa gr tej ho to tufan bn jata hai pani bhe to kalklata ,mn ko bhata hai bhaw tej ho to vhi pani bad lata hai pr insan ke bare me gor kiya to kuch na hath lga bhut kosis ki na pta lga kyo insan pal me rup bdal jata hai aap bhi sochye or ho ske to hme bhi btaye ki akir insan kya hota hai... abid gorkhpuri
grhan
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chandr grhan pr bole log, dekh mja aarha hai. lakin na samaz rhe mama kast me phsa hai. koi astha ka mara dyan snan me laga hai koi repoter tv pr logo se bhas krva rha hai koi bole andhviswas koi khe ye aastha hai har koi swyam ko gyanwan btla rha hai koi de kitabo ki dalil koi science samza rha hai or katam hote grhn repoter sb ko cup kra rha hai aane ke liye carcha me sbka sukriya jta rha hai kuch bhi ho har koi bs apna rag suna rha hai hme bhi tv pr ye sab dekh mja aa rha hai grhn katam ho gya pr ab bhi candr dard se khra rha hai apni presani pe insan ko mja leta dek mama aansu bha rha hai ABID GORKHPURI
kosis
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कल रात कुछ ये माजरा हुआ। दिल बाग बाग ये हमारा हुआ। बैठे बतिया रहे थे दोस्तो संग। के ज्रिक बज्म मे तुम्हारा हुआ। आबिद गोरखपुरी yu hi gr rkhe kyal jazbato ka, na phir kabhi dil tutega kisika. abid gorkhpuri hai bulndiya bulati tumhe......aage bdo or apna na lo inhe 8 june आज के दिन हम दुनिया मे आए। कई बरस अब तक हमने बिताए। खूब रिश्ते नाते यहा हमने बनाए। कुछ खटटी कुछ मिठी यादें सजाए। जिए जा रहे है सबको गले लगाए। आज जागे तो ढेरों बधाई संदेश पाए। यही कोशिश हमारी हमे सब अपनाए। गलती से भी ना दिल किसी का दुखाए। तमाम चाहने वालो को हमारी ढेरों दुआए। आबिद गोरखपुरी कल थे दिल्ली दिल्ली दिलदार देखी। लोगो,गाडियो कि वहा भरमार देखी। गलियो मे आपस की तकरार देखी। बिज्ली तार गुच्छो की भरमार देखी। चीजो मे असल नकल बेशूमार देखी। हेरा फेरी खूब हमने सरे बाजार देखी। आम जन की हालत जार- जार देखी। शाम ढले वहा जिंदगी चमकदार देखी। फलाईओवर कि बढती रफतार देखी। रेहडी पे गर्म बिरयानी मजेदार देखी। पानी के लिएभी होती मारामार देखी। दिल्ली मे बदहाली हमने अपार देखी। तन्हा औरत की इज्जत तार-2 देखी।...
Dil ki Batten
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आज दिन निकला अपने अंदाज मे। है कुछ बदलाव हमारे भी मिजाज मे। गऐ गहराई मे तो मालूम हुआ हमे। है दुआंए अपनो कि इस आगाज मे। आबिद गोरखपुरी रात भर यूंही जगते है। आसमान को तकते है। नींद क्यो ना आती हमे बस यही सोचा करते है। हर रात यही किस्सा है। फिर भी ना सम्भलते है। होगा हल कब ये माजरा। रोज खुद से पूछा करते है। आबिद गोरखपुरी क्यो न फिर सब इंसान बन जाए। जमीं पे फिर नया जहान बन जाए। प्यार हो जहा हर शक्स के दिल मे। हर कोई इकदूजे कि जान बन जाए। आबिद गोरखपुरी ना बदल खुद को इतना जमाने के लिए। के ना रहे मादा खुदी को पहचानने के लिए। आबिद गोरखपुरी यॅूही यकीन अगर खुदा पर रहेगा। इंशाअल्लाह खुदा हर दुआ सुनेगा। आबिद गोरखपुरी बरसो गवा दिए यहॅा हमे जान पहचान मे। मिला ना कोइ अपना उम्र बीती इस काम मे। आबिद गोरखपुरी Na smazh ske ab tk jindgi ka falsfa diya dard jisne de rha hai vhi hosla abid gorkhpuri Kre kuch aesa ki har dam kushi rhe N hm dukhi ho n hmse koi dukhi rhe Abid Gorkhpuri आज फिर किसी ने किया परेशा। आज फिर हम भी हो गए परेशा । आबिद गोरखपुरी तन्हा है हम मगर कोई गम नही। जो है हमार...
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सदविचारों के कार्यक्रमों की साप्ताहिकी 14-4-11 POSTED BY ANNAPURNA THURSDAY, APRIL 14, 2011 विविध भारती के दो कार्यक्रम ऐसे हैं जिनके माध्यम से सदविचार बता कर श्रोताओं को प्रेरित किया जाता हैं, ये दो कार्यक्रम हैं चिंतन और त्रिवेणी दोनों ही दैनिक कार्यक्रम हैं और सुबह की सभा में प्रसारित होते हैं। हालांकि इनका प्रसारण समय कम हैं पर गागर में सागर हैं ये कार्यक्रम। दोनों कार्यक्रम मिलाकर लगभग 15 मिनट का प्रसारण समय हैं। आइए, इस सप्ताह प्रसारित इन दोनों कार्यक्रमों पर एक नजर डालते हैं - 6:05 पर चिंतन में शुक्रवार को नेहरू जी का कथन बताया गया - जितना हम किताबो से सीखते हैं उससे सौ गुना अधिक हम अपने अनुभवों से सीखते हैं। शनिवार को विदेशी लेखक मैक्सिम गोर्की का कथन बताया गया - नवयुग की ज्योति को जो एक बार देख लेते हैं, वो उसी को पवित्र बनाती हुई जलाने लगती हैं। रविवार को शेक्सपियर का कथन बताया गया - कोई वस्तु अच्छी हैं या बुरी, यह विचार ही उसे अच्छा या बुरा बनाते हैं। सोमवार को विदेशी चिन्तक जेम्स एलन का कथन बताया - संकट पहले अज्ञान और दुर्बलता से उ...
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प्रसार माघ्यम के बहुआयामी व्यक्तीत्व के मालिक श्री हरीष भीमाणी साहब को आज जनम दिन की शुभ: कामना के उनसे साथ साक्षात्कार POSTED BY PIYUSH MEHTA-SURAT TUESDAY, FEBRUARY 15, 2011 आज जानेमाने रेडियो और टीवी प्रसारक, समाचार वाचक, वॉईस ओवर के कलाकार, अदाकार, धारावाहीक लेख़क, निर्माता, निर्देषक और अभिनेता और बी आर टी वी के महाभारत के सुत्रघार 'समय' श्री हरीष भीमाणीजी का जनम दिन है और करीब दो साल पहेले इसी मंच पर मैनें उन पर एक लेख़ प्रकाशित किया था । और तब से इक ख़्वाहीश मनमें बनी थी, और उनसे नेट चेट के समय सैद्धांतीक रूप से सहमती भी पायी थी, कि जब भी हमारा दोनों को आमने सामने रूबरू होने का मोका मिले, एक बातचीत द्रष्यांकित करनी है । और इस दिसम्बर, 2010 की 20 तारीख़ को भगवानने मेरी सुनाओ ली और हमारी प्रथम सदेह भेट हुई उनके कार्यालय कम स्टूडियोमें साम को । तो आज उनको जनम दिन की और सिर्फ़ लम्बी ही नहीं पर बड़ी जिन्दगी की शुभ: कामनाएँ देते हुए नीचे उनसे की गई बातचीत चार भागोमें प्रस्तूत कर रहा हूँ और इस पोस्ट की पाँचवी विडीयो में आप उनको समय के रूपमें फ़िरसे सुनाओ पायेंगे ।...
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खुदी को ना देते हौसला तो क्या करते। कब तक जमाने के हाथो मरते रहते । "आबिद गोरखपुरी" हम कैसे बताए के हम क्या है। वो जाने है जिसने पैदा किया है। "आबिद गोरखपुरी" ksm-o-kas me hai sab yha, rab jane insan kya dund rha abid gorkhpuri बढे चलो बढे चलो।रात दिन चले चलो। ना रुको ना थको ना डगमगाओ। रास्ते का एक एक पत्थर हटाओ बढे चलो बढे चलो। "आबिद गोरखपुरी" ना कर गम के ये तो होना ही है। जिसे पाया था उसे खोना भी है लडो हालात से खुद को हौसला दो दुनिया मे आऐ हो तो जीना भी है। आबिद गोरखपुरी umar bhar jane kiski tlas mai btkta fira........ kyo na kud ko mene jana ...... mere hi bitar tha mai na samjh paya bhari dunia me jiske liy mai rota rha....................
If You Are Serious About A Career in Radio
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If You Are Serious About A Career in Radio Then Take A Close Look The most important thing to you, the student, is can we help you jump start a career in the radio business. We strongly believe that we can. First of all, over 72% of our graduates land a job in the radio industry--many of them before they even graduate. After all, it stands to reason, our mentor/apprentice radio school alternatives put you in front of the very people who have jobs to offer: working professionals. Do traditional radio schools succeed in finding their students paid work in the radio business before or after graduation? Most of the traditonal radio schools (which charge 30-100k) graduate many thousands of students annually and when these students matriculate they enter into an extremely competitive radio business job market. These unlucky graduates quickly learn that with no REAL RADIO STATION EXPERIENCE they are pretty much out of luck. They soon realize that their diploma means nothing and ...
you will be the next
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Thinking About A Career In Radio As A Program Director? The radio program director is responsible for the on-air product of the station. The program director is the leader of the station, The put together the talent and program schedules, designing the sound and feel of the station. The program director oversees music, promotions, and any production that goes on-air as well as work with sales and marketing to improve the radio station's image and increase its market share.