िकरकक
क्या र्है कवि
लोग कहते है क्या होते है कवि,ये कुछ नही करतें है।
सिर्फ लिखते है,आपस मे सुनाते है,और वाह वाही लुटाते है।
उनहे दुनिया से कोइ सरोबार नही, बस कविता मे जतलाते है।
लेकिन सच ये है कि
ये कवि अपनी रचना के जरिए अपना फर्ज निभाते है।
समाज मे घट रही हर घडी का दस्तावेज बनाते है।
जिनसे प्ररेणा लेकर कुछ लोग आगे आते है,और
समाज के हित मे कुछ कर समाजसेवी कहलाते है।
जब कोइ इंसान दुनिया के जंजालों से हो परेशान,
उसे कविता के जरिए अपनी बात कहने का हुनर सिखाते है।
अगली पीढी के बेहतर निर्माण के लिए ये कवि,
कविताओं के जरिए स्ंसकार जुटाते है।
कवि सुनने सुनाने कि प्रथा से ऐसा माहोल बनाते है,
जहॉ लोग सब झंझट भूल मानसिक शांति पाते है।
भटक जाते है जो लोग दुनिया कि भीड मे,
कवि उनहे भी रास्ता दिखाते है।
अब रही बात कुछ ना करने कि तो,
ये कवि ही कुछ करने के ढेरों रास्ते बतलाते है
समाज मे शांति,सौहार्द,चिेतन, जिम्मेदारी,और प्रेम कि कोंपलें खिलाते है।
आबिद गोरखपुरी
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